राज्यदरबार का दुर्भाग्य
राज्यसभा है धृतराष्ट्र की
शकुनि के हाथ में पासा है!
पांडव अपना सब हार चुके
आ गया हाथ में कासा है!
पांचों पांडव गुमसुम बैठे
युधिष्ठिर की नज़रें नीची हैं!
भीष्म पितामह बेबस लगते
चाहे गुस्से मे मुट्ठी भीची है!
द्रोण,विदुर सब मौन हो गये
पर आंखों मे अश्रु धारा है!
धृतराष्ट्र की कमजोरी बस ये
अपने प्राणों से पुत्र प्यारा है!
तभी दुर्योधन ने गुस्से मे
सैनिक को आदेश दिया!
द्रोपदी को सभा मे ले आओ
कहना हमने संदेश दिया!
सैनिक ने द्रोपदी से जाकर
वो सारा किस्सा कह डाला!
पांचाली ने अचरज से पूछा
वहाँ सबने कैसे ये सह डाला!
सैनिक चुपचाप रहा सुनकर
मूहँ उसने अपना नही खोला!
वो कहता भी तो क्या कहता
गुमसुम सा नही वो कुछ बोला!
सैनिक के संग मे जाने को
पांचाली ने इनकार किया!
बोली तुम उनको ही भेजो
जिसने ऐसा व्यापार किया!
हर्ष जैन सहर्ष
Niraj Pandey
18-Aug-2021 02:55 PM
वाह 👌👌
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Swati chourasia
18-Aug-2021 02:48 PM
Very nice
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